हिमाचल प्रदेश सरकार का यह फैसला राज्य के ग्रामीण विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए राज्य के हर पंचायत में लोकमित्र केंद्र खोलने का निर्णय लिया है। यह फैसला राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। इस पहल से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सरकारी सेवाएं घर के करीब मिलेंगी, बल्कि इससे डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी।
हिमाचल प्रदेश में हर पंचायत में लोकमित्र केंद्र स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश में 3600 से अधिक पंचायतों में डिजिटल सेवा केंद्रों का उद्घाटन होने से लोगों को मिनी बैंक सहित कई ऑनलाइन सेवाएं गांव में करवाने की सुविधा मिलेगी। राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) इसके लिए हर पंचायत को पांच लाख रुपये दे रहा है। नए बन रहे पंचायत भवन को पांच लाख रुपए का अतिरिक्त बजट मिलाकर 33 लाख रुपए सामुदायिक भवन बनाने के लिए दिए जा रहे हैं, साथ ही पुराने पंचायत भवन के साथ कॉमन सर्विस सेंटर सीएससी (लोकमित्र केंद्र) को भी पांच लाख रुपए का अतिरिक्त बजट दिया जा रहा है।
ध्यान दें कि लोकमित्र केंद्रों से ही सभी प्रकार के प्रमाण पत्रों, जैसे एससी-एसटी, ओबीसी, इनकम सर्टिफिकेट आदि के लिए आवेदन ऑनलाइन किया जाता है। इसके अलावा, लोकमित्र केंद्र में ज़मीन का पर्चा, मिनी बैंक के रूप में पैसे जमा करने और निकालने, नौकरी और अन्य अवसरों की मांग करने सहित सभी ऑनलाइन सुविधाएं उपलब्ध हैं। अब ये सुविधाएं संबंधित पंचायत घरों में ही उपलब्ध होंगी। इसके लिए, अधिकतर क्षेत्रों में पंचायती राज विभाग ने भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उधर, पंचायती राज विभाग कांगड़ा के जिला पंचायत अधिकारी श्रवण कुमार ने बताया कि पंचायतों को पांच-पांच लाख का बजट लोकमित्र केंद्र के लिए कमरा बनाने के लिए जारी किया गया है। लोगों को पंचायत घर में ही सभी डिजिटल सेवाएं मिल पाएंगी।
पंचायत भवन में डिजिटल सेवा केंद बनाया जाएगा
पंचायत भवन में एक अतिरिक्त कमरा डिजिटल सेवा केंद्र के लिए भी बनाया जा रहा है। साथ ही, लोकमित्र केंद्र में सेवाएं प्रदान करने के लिए सीएससी कंपनी के साथ टाईअप किया गया है, जो एक कर्मचारी की नियुक्ति के अलावा कम्प्यूटर, प्रिंटर और आवश्यक उपकरण प्रदान करेगी। हालाँकि इसमें सिर्फ सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर लोगों को सुविधा मिलेगी, इसकी लागत सूची भी पंचायत भवन में अंकित होगी और इसके आधार पर ही खर्च किया जाएगा। दूसरी तरफ, अधिकारियों को लोकमित्र केंद्रों में अधिक शुल्क वसूलने की शिकायतें लगातार मिलती हैं। सरकार ने शुल्क निर्धारित किए हैं, लेकिन लोगों को इसके बारे में पता नहीं होने के कारण वे अधिक पैसे देते हैं। इस समस्या को हल करने के लिए, पंचायतघर के साथ एक कमरा बनाया गया है और वहां लोकमित्र केंद्र की स्थापना शुरू कर दी गई है। यह राज्य का सबसे बड़ा जिला कांगड़ा में पहले चरण में ही 840 पंचायतों में से 313 पंचायतों को पांच-पांच लाख रुपये का बजट देता है।
लोकमित्र केंद्र क्या हैं?
लोकमित्र केंद्र ऐसे केंद्र होते हैं जहां आम जनता को विभिन्न सरकारी सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराई जाती हैं। इन केंद्रों के माध्यम से लोग आधार कार्ड, राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र आदि जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज बनवा सकते हैं। इसके अलावा, इन केंद्रों पर विभिन्न प्रकार की ऑनलाइन सेवाएं भी उपलब्ध होती हैं, जैसे कि बिल भुगतान, फॉर्म भरना, आदि।
इस फैसले से क्या फायदे होंगे?
- ग्रामीण क्षेत्रों में विकास: इस फैसले से हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों का विकास तेजी से होगा। लोगों को सरकारी सेवाओं के लिए दूर-दूर तक नहीं जाना पड़ेगा, जिससे उनका समय और धन दोनों की बचत होगी।
- डिजिटल इंडिया: इस पहल से डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को डिजिटल सेवाओं से जोड़ा जाएगा, जिससे वे भी देश की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे।
- भ्रष्टाचार में कमी: लोकमित्र केंद्रों के माध्यम से पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार में कमी आएगी।
- रोजगार के अवसर: लोकमित्र केंद्रों के संचालन के लिए कई लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
चुनौतियां और समाधान
हालांकि, इस योजना को सफल बनाने के लिए कुछ चुनौतियों का सामना करना होगा। जैसे कि:
- इंटरनेट कनेक्टिविटी: ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या एक बड़ी चुनौती है। इस समस्या का समाधान करने के लिए सरकार को इन क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाने होंगे।
- कर्मचारियों का प्रशिक्षण: लोकमित्र केंद्रों पर काम करने वाले कर्मचारियों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया जाना आवश्यक है।
- जागरूकता: ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को लोकमित्र केंद्रों के बारे में जागरूक करना होगा ताकि वे इन केंद्रों का लाभ उठा सकें।
निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश सरकार का यह फैसला राज्य के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों का कायाकल्प होगा और लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा। हालांकि, इस योजना को सफल बनाने के लिए सरकार को कुछ चुनौतियों का सामना करना होगा। उम्मीद है कि सरकार इन चुनौतियों का समाधान करते हुए इस योजना को सफल बनाएगी।